Monday, December 3, 2018

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम पंकज त्यागी है! मैं शुरू से ही पहाड़ों में घूमने फिरने का शौकीन रहा हूं! पहाड़ों की सुंदरता व वहां का वातावरण शुरू से ही मेरी कमजोरी रहा है! सन 2009 से मैं पहाड़ों में घूम रहा हूं! मुझे पहाड़ों में बाइक से घूमना पसंद है! दो बार गंगोत्री यात्रा, एक बार केदारनाथ, एक बार यमुनोत्री, तीन चार बार बद्रीनाथ, नैनीताल, अल्मोड़ा, रानीखेत, मसूरी, देहरादून, टिहरी डैम व हिमाचल में मंडी, कुल्लू, मनाली, रोहतांग पास व केलॉन्ग तक बाइक यात्राएं की हैं! शुरू से ही नीरज जी, संदीप पवार जी व वीनू भाई आदि के ब्लॉग्स पढ़ता रहा हूं! और घुमक्कड़ी जिंदाबाद व गो हिमालय ग्रुप में भी पोस्ट पढ़ता हूं! समय के अभाव की वजह से कभी छुट्टी मिल पाती है! मगर जब भी मौका मिलता है ! तो बाइक उठाता हूं और निकल पड़ता हूं पहाड़ों की तरफ तनाव भरी जिंदगी से सुकून पाने के लिए ऊंचे ऊंचे पहाड,हरे हरे घास के मैदान, हरियाली, वह पक्षियों की आवाज का मधुर संगीत, बर्फ से ढकी चोटियां,वह जड़ी बूटियों से बहकर आने वाली सुगंधित हवा, अविरल बहती स्वच्छ निर्मल नदियां, वह कल कल की ध्वनि करते झरने और मन को प्रफुल्लित करने वाला शांत वातावरण भला इस मोहपास में कोई कैसे ना फसे! कभी मन करता है कि पहाड़ों में बस जाऊं कभी सोचता हूं यहां जॉब मिल जाए कभी पहाड़ों में रेस्टोरेंट खोलने का विचार आता ह!ै कभी ट्रैकिंग कंपनी खोलने का विचार आता है! हमेशा पहाड़ों में रहने का मन करता है! मगर फिर जल्दी ही यथार्थ में वापस आ जाता हूं! पिछली बार चोट लगने के कारण 2 महीने बिस्तर पर रहा तो फ्री होने के कारण और भी नए-नए विचार आने लगे कहते हैं ना कि खाली दिमाग शैतान का घर वही बात मेरे साथ हुई बिस्तर पर होने के कारण घूमने तो जा नहीं सकता था! मगर मन पहाड़ों में रहता था! मन में आया एक ट्रैकिंग साइट बनवाई जाए काफी सारी ट्रैकिंग साइट पढ़ने व छानबीन करने के बाद ट्रैकिंग से संबंधित साइट बनवाई गई मैं उसका नाम इंडियन हाईकर्स रखा गया! लेकिन अपनी जिम्मेदारियों के चलते इस पर भी ध्यान नहीं दे पाता हूं! और 2 - 4 जो ट्रैकर रिक्वेस्ट आती है! अन्य एजेंसियों को दे देता हूं! पहाड़ों से विशेष लगाव है और बड़े बड़े धुरंधरों को पढ़कर मेरा भी कुछ लिखने का मन हुआ इसलिए आप सभी का टाइम खराब कर रहा हूं! गलतियों को क्षमा करने के साथ बताएं जरूर जिससे सुधार कर सकूं!